शिक्षकों(शिक्षामित्रो और अनुदेशको समेत सभी )का प्रदर्शन**
**शिक्षकों का विरोध और ज्ञापन सौंपने का प्रदर्शन**
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों ने हाल ही में डिजिटल अटेंडेंस प्रणाली के विरुद्ध प्रदर्शन किया। इस प्रणाली के खिलाफ उनकी मांगों को लेकर वे जिला कलेक्ट्रेट पर उतारे गए और अपनी ज्ञापनें सरकार को सौंपीं।
शिक्षक संघों द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों के शिक्षक शामिल हुए। वे डिजिटल अटेंडेंस के खिलाफ अपने अधिकारों की रक्षा करते हुए सार्वजनिक रूप से अपनी परेशानी जाहिर कर रहे थे। उन्होंने न्यूनतम छुट्टियां, स्वास्थ्य सुविधाएं, और अन्य विभागीय लाभों की मांग की, जो कि राज्य के अन्य कर्मचारियों को प्राप्त होती हैं।
शिक्षामित्रों और अनुदेशकों ने भी साथ दिया?
शिक्षामित्रों और अनुदेशकों ने भी प्रदर्शन में शामिल होकर अपने समर्थन का इजहार किया। उन्होंने पोस्टर और बैनर लेकर शिक्षकों के साथ एकजुटता दिखाई और अपनी मांगों को समर्थन दिया।
**ट्विटर पर ट्रेंडिंग: शिक्षकों का विरोध अभियान**
इस प्रदर्शन का असर सोशल मीडिया पर भी दिखा। शिक्षक संघों द्वारा चलाए गए #बायकॉट_डिजिटल_अटेंडेंस अभियान ने ट्विटर पर भी टॉप ट्रेंड बन गया। इस अभियान में शामिल होने वाले लोगों की संख्या करोड़ों तक पहुंची, जो इस मुहिम को समर्थन देने के लिए एकजुट हुए।
**शिक्षकों की मांगें और समस्याएं**
शिक्षकों की मुख्य मांगों में से एक न्यूनतम 15 हाफ डे लीव की प्रदान, जिससे उन्हें अपने व्यावसायिक और व्यक्तिगत जीवन को संतुष्ट करने का अवसर मिल सके। वे इसके अलावा अन्य विभागों के कर्मचारियों के समान 30 अवकाश और बेसिक शिक्षा विभाग में प्रिविलेज लीव की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। उन्होंने इसके साथ ही आकस्मिक घटना या आपदा में एक घंटे की अवधि में अनुपस्थित न माना जाने और निशुल्क कैशलेस चिकित्सा सुविधा का विरोध भी किया है।
यह सभी मांगें शिक्षकों के जीवन में और उनके पेशेवर कर्मचारी होने के अनुभव में एक सुधार के रूप में उचित मानी जाती हैं। उनका यह विरोध और प्रदर्शन सरकार के ध्यान में यह स्पष्ट करता है कि शिक्षकों की समस्याओं का समाधान जल्दी से जल्दी किया जाना चाहिए, ताकि वे अपने शिक्षा कार्यों में निरंतरता और समर्पण से कार्य कर सकें।
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